The
feeling of being in love is so intense that one starts believing that it
will last forever. Really love is mysterious and so is destiny.
With the same mystery of love and destiny we bring before you a story of
passionate love. A story of destiny and desire as never told before. Accident : a love story is an upcoming novel of Shakeel Samar, which holds the emotion in it to activate the lover in yo...
8.10.14
29.6.14


एक तरही गजल -
हरेक सिम्त शजर के सिवा कुछ और नहींमेरी तलब है ख़िज़र के सिवा कुछ और नहीं नजर की ज़द में लहर के सिवा कुछ और नहींमगर तलाश गुहर के सिवा कुछ और नहींहरेक रोज की उलझन है और दुश्वारीहयात जैसे बहर के सिवा कुछ और नहींजला के बस्तियां संसद में चींखता है वो
हमें तो फिक्र-ए-बशर के सिवा कुछ और नहीं हरा-भरा है मगर ये शजर कटेगा जरूरसभी को शौक़-ए-समर के सिवा कुछ और नहींतुम्हारे पास 'पहुंच' भी है और 'पैसा' भीहमारे पास हुनर के सिवा कुछ और नहींकिया जो इश्क तो ये राज भी खुला हम पर 'हयात सोज़-ए-जिगर...
18.3.14


''भारतीय महिला हाकी के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि खिलाडिय़ों को इसमें अपना भविष्य नजर नहीं आता। ऐसे में वह इस खेल के प्रति आकर्षित हों भी तो कैसे। रेलवे महिला हाकी खिलाडिय़ों को नौकरी देता है, पर यह काफी नहीं है। जरूरी है कि हर राज्य की सरकार खिलाडिय़ों को अलग-अलग पोस्ट पर भर्ती करे, ताकि महिलाएं हाकी खेलने को लेकर प्रेरित हों।" यह कहना है भारतीय महिला हाकी टीम की पूर्व कप्तान और 'गोल्डन...
15.3.14



अंतरराष्ट्रीय हाकी अंपायर निर्मला डागर।
भोपाल में चल रही चौथी हाकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप में महिला खिलाड़ी तो मैदान पर अपना जौहर दिखा ही रही है, साथ ही कुछ महिला अंपायर भी मैदान पर अपनी भूमिका निभा रही है। टूर्नामेंट डायरेक्टर शकील कुरैशी कहते हैं कि इस समय सीनियर पुरुष और जूनियर महिला के भी राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित किए जा रहे हैं। इसलिए अंपायर की कमी के कारण भोपाल में चल...
14.3.14


पलकों से आसमां पर एक तस्वीर बना डालीउस तस्वीर के नीचे एक नाम लिख दिया;फीका है इसके सामने चाँद ये पैगाम लिख दियासितारों के ज़रिये चाँद को जब ये पता चलाएक रोज़ अकेले में वो मुझसे उलझ पड़ाकहने लगा कि आखिर ये माजरा क्या हैउस नाम और चेहरे के पीछे का किस्सा क्या है.मैं ने कहा- ऐ चाँद क्यूं मुझसे उलझ रहा है तूंटूटा तेरा गुरूर तो मुझ पर बरस रहा है तूं.वो तस्वीर मेरे महबूब की है, ये जान ले तूंतेरी औकात नहीं उसके सामने, यह मान ले तूं.ये सुन के चाँद ने गुस्से में ये कहा-अकेला हूँ कायनात में, तुझे शायद नहीं...
13.3.14


सुकून दिल को न मिलता किसी बहाने सेबहुत उदास हो जाता हूं तेरे जाने सेनहा रहा है पसीने से फूल बागों मेंचटक रही है कली उसके मुस्कुराने सेफिर एक बार इरादा किया है मिटने काये बात जा के कोई कह तो दे जमाने सेजवान बेटी की शादी की फिक्र है शायदवो रात को भी न आता है कारखाने सेशहर में जुल्म हुआ किस तरह से दीपों पर'इक आफताब के बेवक्त डूब जाने से'लिखोगी रोज मुझे खत ये तय हुआ था परखबर न आज भी आई है डाकखाने से‘शकील’ और न रुसवा हो अब जमाने मेंकि बाज आ भी जा अब तू फरेब खाने से—शकील जमशेदपुर...
27.11.12



Arjun Ranatunga addressing a press conference here at Bhopal on Saturday.
मोहम्मद शकील, भोपाल
1996 में अपने प्रेरणादाई नेतृत्व से श्रीलंका को विश्व कप दिलाने वाले कप्तान और वर्तमान में सांसद अजरुन रणतुंगा ने आईपीएल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इससे क्रिकेटर नहीं कसाई निकल रहे हैं। मालूम हो कि शनिवार को रणतुंगा अपने सांची भ्रमण के दौरान भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में शिकरत की।
कार्यक्रम...
10.10.12



ढाक के तीन पात। फिर वही कहानी। सुपर-8 में पहुंचना बड़ी बात नहीं। वजह, हर ग्रुप में एक कमजोर टीम होती है। तारीफ तो तब है जब सेमीफाइनल में पहुंचें। भारतीय टीम ने सुपर-8 से बाहर होने की हैट्रिक पूरी की। बार-बार, हर बार वही कहानी। पहले हार कर बाहर हुए, इस बार जीत कर भी बाहर हो गए। जाहिर है, कहीं न कहीं, कुछ न कुछ कमी तो है। खिलाड़ी बदलो, कप्तान बदलो, युवाओं को ज्यादा मौका दो, चाहे कुछ भी करो। अब भारतीय...
9.10.12



कभी अन्य टीमें वेस्टइंडीज के आसपास भी नहीं फटकती थी। एक दौर था जब क्लाइव लॉयड, विव रिचर्ड, डेसमन हेंस, गार्डन ग्रीनीज विश्व के गेंदबाजों के लिए सिरदर्द बने। वहीं मालकॉल्म मार्शल और माइकल होल्डिंग बल्लेबाजों के लिए आतंक का पर्याय। बाद में इनकी परंपरा को कार्ल हूपर, ब्रायन लारा और कर्टनी वाल्स से बखूबी निभाया पर टीम में 70-80 के दशक वाला पराक्रम नहीं दिख रहा था। धीरे-धीरे स्थिति और बिगड़ती गई और...
18.9.12



लगता है हॉकी के गढ़ में ही हॉकी की पूछ-परख नहीं है। भोपाल ने देश को एक से बढ़कर एक हॉकी खिलाड़ी दिए हैं, हॉकी का इतिहास बेहद समृद्ध रहा है, भोपालवासियों का हॉकी के साथ भावनात्मक बंधन बेहद शसक्त है, यहां हॉकी दिवानगी नहीं बल्कि जुनून है, इसके बावजूद भोपाल फ्रेंचाइजी के लिए कोई आगे नहीं आ रहा..
मोहम्मद शकील, भोपाल
शाम के साथ बजते ही पुल बोगदा से ऐशबाग स्टेडियम की सड़कों पर गहमागहमी।...
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